लखनऊ। वक्फ बिल को लेकर चल रहा विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बिल के विरोध में अब एनडीए के सहयोगी दलों के नेता इस्तीफा दे रहे हैं। यूपी की आरएलडी के बाद अब सुभासपा की पार्टी में भी बगावत के सुर सुनाई दे रहे हैं और यहां भी इस्तीफे शुरू होने वाले हैं।
वक्फ संशोधन विधेयक को दोनो सदन में मंजूरी मिल गई है उसके बाद भी इस विधेयक को लेकर सियासत जारी है। जहां बीजेपी के सहयोगी इस विधेयक की अच्छाइयां बता रहे हैं तो इससे इतर उनके ही नेता पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं।
दरअसल सुहेलदेव पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के संगठन मंत्री ज़फर नक़वी ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होने कहा कि राजभर के बयानों से आहत होकर पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं क्योंकि राजभर मुस्लिम विरोधी नीतियों का समर्थन कर रहे हैं इमामबाड़ों के खिलाफ बयान दे रहे हैं। इससे पहले आरएलडी के संसद में वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने पर पार्टी के प्रदेश महासचिव शाहजेब रिजवी और जकी गौहरी ने अपने पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
इस दौरान नेताओं का कहना था कि इलेक्शन के समय में मुस्लमानों ने आरएडी का समर्थन दिया था और इन्ही वोट के बल पर पश्चिम उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के 10 विधायक चुने गए थे जिनमें मुसलमानों का बड़ा योगदान था लेकिन अब जब उनकी ज़रूरत थी, तब पार्टी ने उनका साथ नहीं दिया। जयंत चौधरी ने मुसलमानों को ही दरकिनार कर दिया है। ऐसे में अब अगर देखा जाए तो एनडीए के सहयोगी दलों के नेता अगर लगातार इस्तीफा देते रहेंगे तो ये जहां सहयोगियों को कमजोर करेगा और विपक्ष को और मजबूत..जिससे मोदी सरकार के लिए ये बिल देश में लागू करना मुश्किल हो जायेगा...क्योंकि तीन कृषि कानून की तरह इस बिल के खिलाफ विरोध लंबा खींच सकता है।